Sunday, November 24, 2019

Time Is Not Important Reletion is important

A Collegian young man was at home today as he was off to college.

The young man's grandfather told the young man ...
 "Beta, do I have to wear new glasses, you walk with me?"

Grandpa to young man chatting on mobile
Don't like the proposal.

He told grandfather ...
 "Grandpa, nowadays, change yourself too and use modern technology.
There is no longer a need to go to the store and waste time to buy glasses. "

Grandpa said with a smile,
"What's the matter, Beta?
Can eyeglasses be bought even without going to the shop? "

The young man told Ruaab ...
"Grandpa, come over here, myself
Sit down, I'll explain to you. The mobile
Everything you do at home using the Internet
Can buy sitting. You don't just have glasses from department stores that provide different online services. Groceries, clothing, electronics
You can buy the item everywhere. Now yours
Put off the old fashioned method and modernize it
Adopt a method so you need to stay home
Buy everything that is wise. "

Grandpa carefully listened to all of the young grandchildren
After listening, I gently said, "Son, you are talking
It is truly ours to make this online purchase
Time saves and even a small discount means money
But survives.

Also save time and money
It is difficult to live without human relationships
What is it?

 The young man did not understand anything, he meant grandfather
Say,

"You don't know what you want to say."

Grandpa put his hands on the young man's shoulder,
"Beta, now
A few days ago I got sick.
Daily
I used to go for vegetables but I got sick
Your daddy's gone
Kill the vegetables
In the evening if his illness was detected, his shop
In our house to close my address
Lies
And sitting by my bed
Granted.

A while back a few years ago
We suffer from a financial crisis
When
Our grocery grocery all year round
Borrowed
And don't worry about giving money
Than saying.

When you were young, I was you
Take along the grocery to buy there
Leaving for
It's always the least expensive groceries
Smiling smiles would also give you chocolates or pandas
And
Ever add the amount of chocolate-panda to the bill
Didn't.

The young man was constantly listening to his grandfather
Was. Grandpa stepped forward
"Beta,
When shopping for clothes to go there
Two recognizable men got together
And with that
There was also an opportunity to talk. In haiya
There are instances of some scary stuff in there
Confused
And the hayu is slowly fading.

Which from there
We all make our regular purchases
There were partners in the event of happiness or sorrow.

Now
Let me know what happened to your online purchase
Get the facility?

The young man could not answer.
Childhood
Some events emerged on the youth's mind.

And that's what Dad told him,
"Grandpa
I come with you, brother of glasses
Go to the shop and drink his tea
and yours
Bring the glasses.

Two or two of you along the way
If the brothers get together, they will get it too. "

Friends, time and time that needs to be taken into consideration
We race to save money
The machine has not become?

Because if the machine
If we become, save as much money or whatever
Even if there is so much time saved, money without a relationship
And what should be the time?

Requires the use of technology
Let's do it
But human contacts are not too broken
Required ... !!!
ðŸ’Ķ🌧ðŸ’Ķ🌧ðŸ’Ķ🌧ðŸ’Ķ

Saturday, November 2, 2019

7 Professional Weaknesses That Can Be Your Big Benefits Nobody knows you By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... You lack the resources for development. By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... You're new to the industry. By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... High-cost, expert employees are out of your budget. By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... It is not at all clear what you are offering to the customers. By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... A particular product means a high price point. By Rainey Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡Ų‡ ... Technology is not your biggest strength.

Happy New Year

Hy Dear All Happy New year We Have Hardly Request Please Tell me And Share your problem i am allays help you thanks dhanji M Thakor

Friday, November 1, 2019

Blood Donation ?

Before donating blood to a blood bank in Thakor society, ask why we get this blood in an emergency. Because
Whenever a person needs an emergency blood, new blood must be given only after deposit or deposit.

So where is our frozen blood?
And if we don't get our blood right then what works?

Sunday, October 13, 2019

Plastic Rise

https://www.facebook.com/100013646981333/posts/761634107634815/?sfnsn=mo

Saturday, July 20, 2019

Knowledge

विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो का अनुसंधान )

■ क्रति = सैकन्ड का  34000 वाँ भाग
■ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
■ 2 त्रुति = 1 लव ,
■ 1 लव = 1 क्षण
■ 30 क्षण = 1 विपल ,
■ 60 विपल = 1 पल
■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
■ 7 दिवस = 1 सप्ताह
■ 4 सप्ताह = 1 माह ,
■ 2 माह = 1 ऋतू
■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,
■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
■ 4 युग = सतयुग
■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
■ 76 महायुग = मनवन्तर ,
■ 1000 महायुग = 1 कल्प
■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
■ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )

सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है l
दो लिंग : नर और नारी ।
दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।

तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।
तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।
तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।
तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।
तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।
तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।
तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।
तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।
चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।
चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
पाँच  उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच),  मोह, आलस्य।

सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।

उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर... हैं ।

जय श्री कृष्ण

Sunday, July 14, 2019

Take Care of your dear child🙏

सत्य घटना - 
                
Facebook , Whatsapp, Instagram आदि पर ऐक्टिव रहने वाले व्यक्तियों के लिए.....

स्कूल में पैरेंट मीटिंग में गया था वहां पर एक पुलिस अधिकारी भी आये थे।

सभा भरी थी।

वहां पुलिस अधिकारी ने पूछा-
"आप मे से कितने लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं?"

लगभग सभी ने कहा-
"हम उपयोग करते हैं।"

तब उन्होंने एक पैरेंट्स की और इशारा करते हुए पूछा-
"आप के कितने फेसबुक फ्रेंड हैं?"

तब उस आदमी ने सीना ठोककर कहा-
"मेरे पांच हजार फ्रेंड्स हैं।"

बाकी सभी लोग आश्चर्य से उसकी और देखने लगें।

पुलिस ने उसे अगला प्रश्न किया-
"आप उनमे से कितने लोगो को प्रत्यक्ष पहचानते हो या उनसे मिले हो?"

अब वह थोड़ा घबराया और बोला-
" ज्यादा से ज्यादा सौ-दो सौ को।"

तब पुलिस अधिकारी ने कहा-
" इतने सारे facebook friends हैं ओर परिचय सौ दो सौ से है।
हमारे बार बार के निरीक्षण में यह पाया गया है कि हर पांच आदमियों के पीछे एक criminal mind होता है।
आज के समय में घरवालों पर भी विश्वास करना कठिन हो गया है और हम बगैर सोचें समझें किसी की भी  friends request  आसानी से accept कर लेते हैं।
हमारे पुलिस स्टेशन में एक केस आया।
जिसमे एक तीन साल की लड़की ग़ुम हो गई थी।
बहुत जाँच पड़ताल की गई तब पता चला कि उस लड़की का स्कूल का पहला दिन था।
उस लड़की के पिता ने लड़की को बढ़िया तैयार कर एक फोटो निकाला और  fb पर पोस्ट कर लिखा...
"MY cute baby to first day of school."

चार दिन वह लड़की स्कूल गयी और पाँचवे दिन वह स्कूल से वापस नही आई।
जांच में पता चला कि एक आदमी fb का फोटो लेकर स्कूल में आया था और उसने कहा मैं लड़की का चाचा हूं।
घर पर प्रोब्लम हो गई है इसलिए मैं उसे लेने आया हूँ।
ऐसा बोल कर स्कूल से ले गया।
सघन जाँच करने पर पता चला कि वह लड़की 24 घंटे के अंदर भारत के बाहर भेज दी गई।
कारण यह क्रिमिनल लोग ऐसे होते हैं कि फोटो डाला कि यह अपनी फ़ास्ट चेन के द्वारा उसके डाक्यूमेंट तैयार करके रख लेते हैं और दिन तय कर घटना को अन्जाम देते हैं और उठाकर ले जाते हैं।
उसके बाद न कोई फोन, न कोई पैसो की डिमांड।
अब बताओ इसमें गलती किसकी ?
अपनी एक गलती का उस पिता को कितना दुःख हुआ होगा।

हम क्यों अपेक्षा करते है कि अपने फोटो पर या बातों पर हमें like मिले और बाहर का कोई व्यक्ति अपनी प्रशंसा करे वह भी अँगूठा बताकर दो चार कमैंट्स के लिये।

अपने घर के लोग प्रशंशा करते नहीं क्या?
क्यों हम अपने कुटुम्ब के लोगों की सुरक्षा से खेल रहे हैं जवाबदार हम हैं।
हमारी आदतें पसंद नापसंद इतने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं कि अब उस पर नियंत्रण करना कठिन हो गया है।

Facebook, whatsapp, insta पर की selfi ,हम इधर जा रहे हैं उधर जा रहे हैं।
यहां पहुंचे वहा पहुंचे।
वह भी proper टाइम बताकर डालना याने चोर लुटरों को आगाह करने जैसा है।"

🙏🏻🙏🏻खुद को संभालो बस।

यही कहना है। 🙏🏻🙏🏻🙏🙏

āŠāŠ• āŠĻિઃāŠļ્āŠĩાāŠ°્āŠĨ āŠ­ાāŠĩે āŠ•āŠ°ેāŠēું āŠ•ાāŠ°્āŠŊ* *āŠ•્āŠŊાāŠ°ેāŠŊ āŠĻિāŠ·્āŠŦāŠģ āŠœāŠĪું āŠĻāŠĨી.*

 *āŠ•āŠ°્āŠŪ āŠĻા āŠŦāŠģ āŠĻું āŠŦāŠģ* āŠļ્āŠ•ોāŠŸāŠēેāŠĻ્āŠĄāŠŪાં āŠ†āŠĩેāŠēા āŠŪોāŠŸા-āŠŪોāŠŸા āŠ–ેāŠĪāŠ°ોāŠŪાંāŠĨી āŠāŠ• āŠ–ેāŠĄૂāŠĪ, āŠœેāŠĻું āŠĻાāŠŪ āŠŦāŠēેāŠŪિંāŠ— āŠđāŠĪું. āŠ āŠāŠŠાāŠŸાāŠ­ેāŠ° āŠœāŠˆ āŠ°āŠđ્āŠŊો āŠđāŠĪો. āŠāŠĻે āŠ˜ેāŠ° āŠŠāŠđોંāŠšāŠĩાāŠĻી āŠ‰...