सत्य घटना -
Facebook , Whatsapp, Instagram आदि पर ऐक्टिव रहने वाले व्यक्तियों के लिए.....
स्कूल में पैरेंट मीटिंग में गया था वहां पर एक पुलिस अधिकारी भी आये थे।
सभा भरी थी।
वहां पुलिस अधिकारी ने पूछा-
"आप मे से कितने लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं?"
लगभग सभी ने कहा-
"हम उपयोग करते हैं।"
तब उन्होंने एक पैरेंट्स की और इशारा करते हुए पूछा-
"आप के कितने फेसबुक फ्रेंड हैं?"
तब उस आदमी ने सीना ठोककर कहा-
"मेरे पांच हजार फ्रेंड्स हैं।"
बाकी सभी लोग आश्चर्य से उसकी और देखने लगें।
पुलिस ने उसे अगला प्रश्न किया-
"आप उनमे से कितने लोगो को प्रत्यक्ष पहचानते हो या उनसे मिले हो?"
अब वह थोड़ा घबराया और बोला-
" ज्यादा से ज्यादा सौ-दो सौ को।"
तब पुलिस अधिकारी ने कहा-
" इतने सारे facebook friends हैं ओर परिचय सौ दो सौ से है।
हमारे बार बार के निरीक्षण में यह पाया गया है कि हर पांच आदमियों के पीछे एक criminal mind होता है।
आज के समय में घरवालों पर भी विश्वास करना कठिन हो गया है और हम बगैर सोचें समझें किसी की भी friends request आसानी से accept कर लेते हैं।
हमारे पुलिस स्टेशन में एक केस आया।
जिसमे एक तीन साल की लड़की ग़ुम हो गई थी।
बहुत जाँच पड़ताल की गई तब पता चला कि उस लड़की का स्कूल का पहला दिन था।
उस लड़की के पिता ने लड़की को बढ़िया तैयार कर एक फोटो निकाला और fb पर पोस्ट कर लिखा...
"MY cute baby to first day of school."
चार दिन वह लड़की स्कूल गयी और पाँचवे दिन वह स्कूल से वापस नही आई।
जांच में पता चला कि एक आदमी fb का फोटो लेकर स्कूल में आया था और उसने कहा मैं लड़की का चाचा हूं।
घर पर प्रोब्लम हो गई है इसलिए मैं उसे लेने आया हूँ।
ऐसा बोल कर स्कूल से ले गया।
सघन जाँच करने पर पता चला कि वह लड़की 24 घंटे के अंदर भारत के बाहर भेज दी गई।
कारण यह क्रिमिनल लोग ऐसे होते हैं कि फोटो डाला कि यह अपनी फ़ास्ट चेन के द्वारा उसके डाक्यूमेंट तैयार करके रख लेते हैं और दिन तय कर घटना को अन्जाम देते हैं और उठाकर ले जाते हैं।
उसके बाद न कोई फोन, न कोई पैसो की डिमांड।
अब बताओ इसमें गलती किसकी ?
अपनी एक गलती का उस पिता को कितना दुःख हुआ होगा।
हम क्यों अपेक्षा करते है कि अपने फोटो पर या बातों पर हमें like मिले और बाहर का कोई व्यक्ति अपनी प्रशंसा करे वह भी अँगूठा बताकर दो चार कमैंट्स के लिये।
अपने घर के लोग प्रशंशा करते नहीं क्या?
क्यों हम अपने कुटुम्ब के लोगों की सुरक्षा से खेल रहे हैं जवाबदार हम हैं।
हमारी आदतें पसंद नापसंद इतने निचले स्तर पर पहुंच गई हैं कि अब उस पर नियंत्रण करना कठिन हो गया है।
Facebook, whatsapp, insta पर की selfi ,हम इधर जा रहे हैं उधर जा रहे हैं।
यहां पहुंचे वहा पहुंचे।
वह भी proper टाइम बताकर डालना याने चोर लुटरों को आगाह करने जैसा है।"
🙏🏻🙏🏻खुद को संभालो बस।
यही कहना है। 🙏🏻🙏🏻🙏🙏
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